दुर्केश सिंह, संपादकीय प्रभारी नजरिया न्यूज 07दिसंबर।
आततायी छह प्रकार के होते हैं-1=विष देने वाला 2=घर में अग्नि लगाने वाला 3=घातक हथियार से आक्रमण करने वाला 4=धन लूटने वाला 5=दूसरे की भूमि हड़पने वाला 6= पराई स्त्री का अपहरण करने वाला। गीता के अनुसार ऐसे आततायियों को शक्तिहीन कर देना चाहिए। ऐसा नहीं करने वाले महापाप के प्रश्रयदाता हैं। महाभारत में अर्जुन के मोह को नष्ट करने के दौरान यह प्रसंग आया है।
फिर स्पष्ट कर दें कि उक्त बात भाजपा काल की नहीं है। अपितु महाभारतकालीन सियासत की है। श्रीकृष्ण ने छह प्रकार के राजनीतिज्ञों को आततायी कहा था। योगिराज श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में ज्ञान दिया कि इन सभी प्रकार के आततायियों को मैं मार चुका हूं। इसी के साथ अर्जुन को तीनों लोक का दर्शन हुआ। जहां आततायी युद्ध करने के दौरान खेत होते दिखाई पड़ते हैं।
फिलहाल, आज भाजपा काल में आततायियों की संख्या कौरवों से भी अधिक हो गई है। पैसा हड़पने वाले को खोजना कानूनपालन कराने वालों के वश में नहीं रह गया है।
भाजपा काल के बाद पता नहीं किसका काल आएगा। उस काल में भी राहुल गांधी जैसे धनुर्धर अकेले ही रहेंगें।
उम्मीद की अंतिम किरण श्रीकृष्ण के वचन हैं- जो हो रहा है अच्छा हो रहा है, जो हुआ,वह अच्छा हुआ, जो होगा वह और भी अच्छा होगा।