अशोक सिंह सुबेदार, 05दिसंबर।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ‘महायुति’ की जीत में बीजेपी की सबसे बड़ी भूमिका होने के बावजूद पिछले कुछ दिनों से ये चर्चा चल रही थी कि फडणवीस महाराष्ट्र के सीएम बनेंगे या शिवसेना के शिंदे गुट के नेता एकनाथ शिंदे। लेकिन अब फडणवीस के सीएम और एकनाथ शिंदे और अजित पवार के डिप्टी सीएम बनने से ये बहस ख़त्म हो गई है।
फडणवीस तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने हैं लेकिन उनके सामने चुनौतियां भी कम नहीं हैं।
मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें किन-किन मोर्चों पर जूझना होगा-देवेंद्र फडणवीस और उनकी सरकार के लिए महाराष्ट्र में मराठा रिजर्वेशन बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
क्योंकि मराठा आंदोलन के लिए लंबे समय से आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल को चुनाव के दौरान ये वादा किया गया कि राज्य में मराठा आरक्षण लागू किया जाएगा।
जरांगे ने कहा था कि अगर बीजेपी ने मराठा आरक्षण लागू करने का वादा नहीं किया तो वो चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे।
कहा जा रहा है कि आश्वासन मिलने बाद जरांगे ने ये इरादा छोड़ दिया।हालांकि उन्हें विश्वास में लेने में एकनाथ शिंदे की भूमिका ज्यादा अहम बताई जाती है।लेकिन मराठा आरक्षण लागू करने को लेकर राजनीतिक पेच भी कम नहीं हैं।
मराठा आरक्षण के मुद्दे पर ओबीसी समुदाय में असंतोष दिख रहा है।ओबीसी समुदाय के लोगों को लग रहा है कि उनके आरक्षण का हिस्सा काट कर मराठों को दे दिया जाएगा।फडणवीस के सामने दोनों समुदायों की मांगों के बीच संतुलन बिठाना एक बड़ी चुनौती होगी।
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि रिजर्वेशन का मुद्दा देवेंद्र फडणवीस को परेशान नहीं करेगा।