प्रसव केवल उसके परिवार का नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है – जिला पदाधिकारी
=घर पर प्रसव नहीं – अस्पताल में सुरक्षित डिलीवरी ही अब हर महिला का अधिकार और प्राथमिकता है*
वीरेंद्र चौहान, नजरिया न्यूज ब्यूरो किशनगंज, 05 अप्रैल ।
गृह प्रसव को पूरी तरह समाप्त करने और मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से किशनगंज जिले में “गृह प्रसव मुक्त पंचायत अभियान” तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। इसी कड़ी में टेढ़ागाछ प्रखंड के मटियारी पंचायत में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया। अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं और उनके परिवारों को संस्थागत प्रसव के लाभों की जानकारी दी गई और उन्हें अस्पताल में प्रसव के लिए प्रेरित किया गया। इस मौके पर प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रमोद कुमार , एएनएम, आशा कार्यकर्ता, जीविका दीदी, आंगनबाड़ी सेविका एवं पंचायत प्रतिनिधियों ने गांव-गांव जाकर गर्भवती महिलाओं से संवाद किया। टीम ने न सिर्फ महिलाओं को प्रेरित किया, बल्कि उनके परिजनों को भी संस्थागत प्रसव के महत्व को समझाया।
किशनगंज,बिहार-होम डिलीवरी मुक्त पंचायत को लेकर मटियारी पंचायत में चलाया गया अभियान
गर्भवती महिला को यह अधिकार है कि वह सुरक्षित और सम्मानजनक प्रसव की सुविधा पाएं।
घर -घर भ्रमण के दौरान प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रमोद कुमार ने बताया की “गृह प्रसव में जटिलताओं की संभावना अधिक होती है, जिससे जान का जोखिम रहता है। हम सभी का प्रयास है कि मटियारी जैसी हर पंचायत को ‘गृह प्रसव मुक्त पंचायत’ घोषित किया जाए। इसके लिए जनप्रतिनिधियों और स्वास्थ्यकर्मियों को मिलकर कार्य करना होगा।हर गर्भवती महिला को यह अधिकार है कि वह सुरक्षित और सम्मानजनक प्रसव पाए। जिला प्रशासन इस दिशा में गंभीर है और हम चाहते हैं कि हर महिला संस्थागत प्रसव की ओर आगे बढ़े।”
सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम ने बताया की मटियारी पंचायत में इस अभियान को देखकर लोगों में सकारात्मक ऊर्जा दिखी। कई महिलाओं ने अस्पताल में प्रसव कराने का संकल्प भी लिया। यह अभियान न केवल स्वास्थ्य सुरक्षा को बढ़ावा देगा, बल्कि एक स्वस्थ, सुरक्षित और जागरूक समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाएगा। संदेश स्पष्ट है – अब कोई भी महिला न तो जानकारी के अभाव में और न ही संसाधनों की कमी के कारण घर पर प्रसव के लिए विवश होगी।
घर पर प्रसव आज भी कई जिंदगियों को जोखिम में डाल रहा है।
*”गर्भवती महिलाओं का घर पर प्रसव आज भी कई जिंदगियों को जोखिम में डाल रहा है। हमारा उद्देश्य केवल आंकड़े सुधारना नहीं, बल्कि हर मां और नवजात के जीवन को सुरक्षित बनाना है। किसी भी महिला को यह सोचकर घर पर प्रसव नहीं कराना चाहिए कि अस्पताल दूर है या संसाधन नहीं हैं। सरकार हर सुविधा मुफ्त दे रही है – एंबुलेंस से लेकर दवा, जांच, डॉक्टर, नर्स, भोजन और यहां तक कि जन्म प्रमाण पत्र भी।यह अभियान केवल स्वास्थ्य विभाग की नहीं, बल्कि हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है कि वह आसपास की गर्भवती महिलाओं को जागरूक करे और उन्हें संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित करे। एक सुरक्षित डिलीवरी एक स्वस्थ भविष्य की नींव है।
*प्रसव केवल उसके परिवार का नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है -* जिला पदाधिकारी
“समाज तभी सुरक्षित और सशक्त होगा जब हमारी माताएं और बच्चे सुरक्षित होंगे। एक गर्भवती महिला का सुरक्षित प्रसव केवल उसके परिवार का नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है।गृह प्रसव को पूरी तरह समाप्त करना हम सबका साझा संकल्प है। अब समय आ गया है कि हर पंचायत, हर गांव से यह संदेश जाए – ‘अब नहीं होगा घर पर प्रसव।’ जिला प्रशासन हर संभव सुविधा उपलब्ध करा रहा है – बस जरूरत है सहयोग और संकल्प की।
जिला पदाधिकारी किशनगंज श्री राज ने कहा,मैं पंचायत प्रतिनिधियों, आशा कार्यकर्ताओं, जीविका दीदियों और आम नागरिकों से अपील करता हूं कि वे इस मुहिम को अपनी मुहिम बनाएं। संस्थागत प्रसव अब विकल्प नहीं, बल्कि प्राथमिकता और आवश्यकता है। आइए, मिलकर एक स्वस्थ और जागरूक समाज की नींव रखें।