- रविवार रात करीब 11:30 बजे किशनगंज से पटना जा रही चंद्रलोक ट्रेवल्स की बस में यात्रियों ने ड्राइवर को नशे में पाया।
- यात्रियों ने अररिया बस स्टैंड के समीप बस को जबरन रुकवाई और ड्राइवर को पकड़ लिया।
- ड्राइवर गालियां बकते हुए तेज और खतरनाक तरीके से गाड़ी चला रहा था और जीरो माइल पर कुछ राहगीरों को कुचलते-कुचलते बचा।
- यात्रियों ने 112 पर कॉल करके पुलिस को बुलाया, जिसने ड्राइवर को अपने कब्जे में लेकर जांच के लिए सदर अस्पताल अररिया भेज दिया।
- यात्री रातभर सड़क पर खड़े रहे और पुलिस ने उन्हें पूर्णिया की ओर जाने वाली अन्य बसों में सीट दिलाने की कोशिश की, लेकिन खाली सीटें नहीं मिलने से यात्री परेशान होकर सड़क पर ही ठिठुरते रहे।
नज़रिया न्यूज अररिया। विकाश प्रकाश।
रविवार रात करीब 11:30 बजे किशनगंज से पटना जा रही चंद्रलोक ट्रेवल्स की बस (BR01PB4975) में अफरा-तफरी का महल मच गया। जान कर आपको हैरानी होगी कि यात्रियों ने ड्राइवर को नशे में पाया, जो बस को सही ढंग से नहीं चला पा रहा था। यात्रियों ने अररिया बस स्टैंड के समीप बस को जबरन रुकवाई गई, लेकिन बस का ड्राइवर बस रुकते ही वह चाबी लेकर भागने की कोशिश करने लगा। बताया जाता है कि ड्राइवर का नाम अमीश चन्द्र कुमार पिता ओमप्रकाश सिंह उर्फ राजू बताया जा रहा है। यात्रियों ने ड्राइवर को पड़कर तुरंत 112 पर कॉल करके पुलिस को बुलाया गया। 112 पर कॉल होने के बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर ड्राइवर को अपने कब्जे में लेकर जांच के लिए सदर अस्पताल अररिया भेज दिया।
मामले यह है कि यात्रियों के मुताबिक, ड्राइवर गालियां बकते हुए तेज और खतरनाक तरीके से गाड़ी चला रहा था। जीरो माइल पर तो वह कुछ राहगीरों को कुचलते-कुचलते बचा। जब बस अररिया बस स्टैंड पर रोकी गई।तो सभी यात्रियों ने मिलकर ड्राइवर को पकड़ा और डायल 112 पर कॉल कर पुलिस को बुलाई। आपको बता दें की यात्री रातभर सड़क पर खड़े रहे। पुलिस ने उन्हें पूर्णिया की ओर जाने वाली अन्य बसों में सीट दिलाने की कोशिश की, लेकिन खाली सीटें नहीं मिलने से यात्री परेशान होकर सड़क पर ही ठिठुरते रहे।
बिहार में शराबबंदी कानून के बावजूद नशे में धुत ड्राइवर को बस चलने देना बस मालिकों और किरानी की घोर लापरवाही है। सवाल यह है कि अगर किसी यात्री के साथ कोई अनहोनी हो जाती, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेता?