- चुनाव लड़ने के लिए भावी प्रत्याशी समर में कूदने के लिए कस रहे लंगोट।
नजरिया न्यूज अररिया। धीरे धीरे पूरी तरह से संपन्न होने की ओर अग्रसर होती लोक सभा के लिए जारी चुनाव की प्रक्रिया और दूसरी ओर सीमांचल क्षेत्र में काफी पहले ही संपन्न हो चुकी चुनावी प्रक्रिया से निवृत हो गए अररिया में अब आने वाले अगले बिहार विधान सभा आम चुनाव का नया नशा सिहरन पैदा करने लगा है। सीमांचल में बिहार विधान सभा आम चुनाव 2025 के दस्तक की सिहरन को महसूस कर चुनावी फिल्ड में कूदने के लिए वैसे नेतागण अंगड़ाइयां लेते नजर आने लगे हैं, जिन्हें लोक सभा चुनाव के परिणामों से कोई लेना देना नहीं है और वे दलों की दलदल के चक्कर में फंसने की बजाय इस बार का विधान सभा चुनाव अपने अब तक की समाज सेवा के बूते सिर्फ अपने चेहरे के बल पर लड़ने को तैयार हैं।
लोक सभा चुनाव के परिणामों की घोषणा 4 जून को होनी है। जिसके बाद विजेता दल सरकार बनाने में जूट जायेंगे और उसके इतर के शेष दल अपने अपने राजनीतिक भविष्य को संवारने की दिशा में बिहार विधान सभा के लिए होने वाले आम चुनाव की तैयारी में डूब जायेंगे। जबकि कुछ खास किस्म के नेता सिर्फ अपने चेहरे के बल पर चुनाव मैदान में कूदने वाले हैं। जिस कारण अररिया के विधान सभा क्षेत्रों की चाय पान की दुकानों से लेकर गलियों और चौराहों तक में सिटिंग विधायकों के क्रिया कलापों के लेखा जोखा से लेकर भावी प्रत्याशी के चेहरे और दलीय टिकटार्थी की चर्चा अभी से शुरू हो गई है।
इस क्रम में जिन चेहरे की चर्चा चुनाव लड़ने की तैयारी हो रही है वो हैं युवराज राजारमण भास्कर उर्फ रंटु मंडल, मनोज विश्वास, राजन तिवारी, डा. राकेश रौशन, रहमत अली, डा. अखिलेश आदि हैं।
जिनका नामांकन कतिपय कारणों से लोकसभा में नहीं हुआ अथवा वैसे जो दलीय टिकट से चुनाव लड़ने की ईच्छा पाले हुए है उसकी संख्या तो हर विधानसभा में अलग अलग दलों से लगभग आधा दर्जन टिकटार्थी मंसूबा लगाए बैठे हैं उनमें किमी आनंद, शगुफ्ता अजीम, प्रो. विवेकानंद यादव, रोहित यादव, परमानंद ऋषिदेव, अविनाश मंगलम, शाहजहां शाद, दिलीप मेहता,तैयब आलम समेत कई ऐसे नामी चेहरे हैं जो हर हाल में चुनाव लड़ेंगे।
विधान सभा क्षेत्र में उम्मीदवारी हेतु दलीय टिकट पाने की जिस तरह की होड़ अभी से ही देखी जा रही है उसमें से एक दूसरे को लंघी मारकर आने वाले अगले विधान सभा चुनाव के दौरान उम्मीदवारी का तगमा कौन कौन हांसिल कर पाएगा, यह आने वाले दिनों में ही स्पष्ट हो पाएगा। फिलवक्त, लोक सभा चुनाव की जारी दौर के संपन्न होने और परिणाम घोषित होने के इंतजार में नेता से जनता तक का ध्यान 4 जून की ओर भी केंद्रित है।