भारत निर्वाचन आयोग का प्रेस रिपोर्टर को सहरसा में प्राधिकार पत्र निर्गत करने में राजनीति करने की पोल चुनाव कभरेज़ से रोकने वाले ऐसे अधिकारी से चुनाव बाद आरपार की लड़ाई खुल गयी।
*सहरसा में काफी दिनो से बीडीओ ,सीओ ,एसडीओ के पद पर पदस्थापित रहने के बाद डीडीसी बने राजेश कुमार सिंह ने कई दैनिक अखबार एवम चैनल के जिला मुख्यालय के रिपोर्टर को उपेक्षित कर ब्लॉक रिपोर्टर तक को प्राधिकार पत्र जारी कर पत्रकारोँ के बीच राजनीति की है*
डीडीसी के हस्ताक्षर से निर्गत प्राधिकार पत्र मिलने वाले ऐसे तथा कथित पत्रकार अपने को असली और अन्य को नकली कहने लगे है।
*डीपीआरओ ने भी इस कृत में अपनी मौन सहमति देकर विभिन्न हिन्दी पत्र/इलेक्ट्रॉनिक चेनलों के जिला मुख्यालय संवाददाताओं के मनोवल को तोड़ने के काम किया है
आम चुनाव जैसे महापर्व के मौके पर चुनाव कभरेज़ से रोकने वाले ऐसे अधिकारी से चुनाव बाद आरपार की लड़ाई होना तय है।
*अखबार असली और नकली होने का प्रमाण पत्र देने का डीडीसी को कोई पावर नही है*
.इस संबंध में डीपीआरओ ने बताया कि प्राधिकार पत्र निर्गत करने के मापदंड डीडीसी के द्वारा तय किया गया है।
*हम तो बिना निर्वाचन पास के घूमे क्षेत्र में,हमरे कोई रोका नहीं रोकता तो सिर्फ चुनाव आयुक्त बिहार श्रीनिवासन जी को फ़ोन करते..*
स्थानीय पत्रकारों एवं dpro के मिली भगत से दर्जनों मीडिया कर्मी चुनाव कवरेज, मतगणना से हो गए वंचित